किस से सीखते हैं Ayushi Bhave और Vibhav Roy? जानिए Guru Purnima पर!

Kis Se Seekhte Hain Ayushi Bhave Aur Vibhav Roy? Janiye Guru Purnima Par!
Guru Purnima


मुंबई: Guru Purnima के दिन, 'Shaitani Rasmein' और '10:29 Ki Aakhri Dastak' के मशहूर अदाकार, आयुषि भावे और विभव रॉय ने अपने इल्हाम और रहनुमाओं के बारे में बात की. यह दिन गुरुओं को इज़्ज़त और शुक्रिया अदा करने का है और इस मौके पर दोनों अदाकार अपने मेण्टर्स को याद करते हैं. 

विभव रॉय ने अपने एक्टिंग का इलहाम और अपने वालिद को अपना रहनुमा क़रार दिया. उन्होंने कहा, ''मैं बोमन ईरानी को अपना एक्टिंग मेंटर समझता हूँ. उनका तरीक़ा और ज़िन्दगी जीने का अंदाज़ मुझे बोहोत पसंद है. उनसे मैं ने सिर्फ एक्टिंग ही नहीं बल्कि इंसानियत और सादगी भी सीखी है. वह स्पिरलबौंड ग्रुप के साथ जुड़े हैं और स्क्रीनप्ले सिखाते हैं. उनके क्लास का नाम 'स्क्रीनप्ले' है. मैं उनके रास्तों पर चलना चाहता हूँ और उनसे इल्हाम लेता हूँ.''

विभाव ने अपने वालिद के बारे में भी कहा, ''मेरे वालिद मेरे लिए एक मिसाल हैं. उनका एक मश्वरा मैं हमेशा याद रखता हूँ: 'कम खाओ, कम बोलो और धीरे चलाओ, ो ज़िन्दगी के ज़्यादा तर मसाइल हल हो जाते हैं.' यह नसीहत मेरी ज़िन्दगी का एक एहम हिस्सा बन गयी है.''

दूसरी तरफ आयुषि भावे ने अपने वालिदैन और असातिज़ा को अपना इल्हाम क़रार दिया. उन्होंने कहा, ''मेरे पहले उस्ताद मेरे वालिदैन हैं जिन होने मुझे बेहतरीन क़दर और असूल दिए. मैं अपने स्कूल के असातिज़ा और अपने कत्थक डांस के गुरूजी का भी शुक्रिया अदा करती हूँ. हर रोज़ मैं अपने डायरेक्टर, स्पॉट बॉयज, हेयर और मेकअप टीम, और सीओ-एक्टर्स से कुछ न कुछ नया सीखती हूँ. Guru Purnima का दिन मेरे लिए बोहोत अहम है.''

आयुषी ने मज़ीद कहा, "Guru Purnima पर, मैं अपने घर के बुजुर्गों के पांव छू कर उनकी दुआएं लेती हूँ. आज कल की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर के मैं अपने असातिज़ा को पैगाम भेज कर उनका शुक्रिया अदा करती हूँ. एक सबक़ जो मैं ने सीखा है वह यह है: 'इज़्ज़त दो और इज़्ज़त लो.' हर किसी से एहतराम से पेश आना चाहिए.''

आयुषि भावे और विभव रॉय दोनों ने अपने इल्हाम और मेंटर्स को याद करते हुए अपनी मोहब्बत और इज़्ज़त का इज़हार किया. Guru Purnima का दिन उनके लिए एक नया जज़बा ले कर आता है, जहाँ वह अपने रहनुमाओं के शुक्रिया अदा करते हैं और उनके दिए हुए उसूलों पर अमल करने का इरादा मज़ीद मज़बूत करते हैं. 

Guru Purnima का दिन सिर्फ एक तेहवार नहीं, बल्कि एक मौका है अपने असातिज़ा और रहनुमाओं को याद करने का जिन की वजह से हम आज जो कुछ भी हैं, वह हैं. आयुषि और विभाव दोनों ने अपने इज़हार में यह बात वाज़ेह की के उनके लिए यह अफ़राद उनकी ज़िन्दगी के चिराग़ हैं और उनके रास्ते को रोशन करते हैं. 

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